Manish Sisodiya: सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ईडी के वकील ने 3 जुलाई तक जांच पूरी करने की बात कही. यह अक्टूबर 2023 में सुप्रीम कोर्ट को बताई गई 6-8 महीने की सीमा के परे है. इस देरी के चलते निचली अदालत में मुकदमा शुरू हो पाने का सवाल ही नहीं था. व्यक्तिगत स्वतंत्रता एक मौलिक अधिकार है. इसका बिना उचित वजह के हनन नहीं हो सकता.
मनीष सिसोदिया के मुकदमे में हुई देरी का जिक्र करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमसे पीएमएलए सेक्शन 45 में दी गई जमानत की कड़ी शर्तों से रियायत की मांग की गई है. ईडी ने कहा कि आरोपी खुद मुकदमे में देरी के लिए जिम्मेदार है. आरोपी गैरजरूरी दस्तावेज मांग रहा है. सैकड़ों आवेदन दाखिल किए.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड ऐसा नहीं दिखाते. ED और CBI दोनों मामलों में बहुत अधिक आवेदन दाखिल नहीं हुए, इसलिए मुकदमे में देरी के लिए आरोपी को जिम्मेदार मानने के निचली अदालत और हाई कोर्ट के निष्कर्ष से हम सहमत नहीं हैं. आरोपी को दस्तावेज देखने का अधिकार है.
सुप्रीम कोर्ट में मनीष सिसोदिया के मामले में ट्रायल पूरा होने में हुई देरी का जिक्र हुआ. जस्टिस बीआर गवई ने कहा कि सवाल यह है कि क्या ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट ने ट्रायल में देरी पर विचार किया है? हमारी राय में, इस अदालत के आदेश की अनदेखी थी..