Khap: अक्सर लव मैरिज या जातिय विवाह को लेकर खाप पंचायते निशाने पर रहती है. खापों को लेकर एक इमेज है कि ये प्यार से खिलाफ है. बीते दौर में घटनाएं भी कुछ ऐसी हुई है जो इन बातों पर मुहर लगा देती है.
लेकिन अब दनौदा गांव में स्थित सर्वजातीय बिनैण खाप के ऐतिहासिक चबूतरे पर देश की खाप पंचायतों का महासम्मेलन आयोजित किया गया. इस महासम्मेलन में पूरे उत्तर भारत की 300 खाप पंचायतों के प्रधान व प्रतिनिधियों ने भाग लिया. और इस महासम्मेलन में सभी खापों के प्रधानों व प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से अखिल भारतीय खाप समन्वय समिति का गठन किया और बिनैण खाप के प्रधान रघुबीर नैन को समिति का अध्यक्ष मनोनीत किया. यह समिति 51 सदस्यीय बनाई जाएगी।
इस महासम्मेलन में रघुबीर नैन ने कहा कि महासम्मेलन का उद्देश्य सभ्य समाज का निर्माण करना है साथ ही सामाजिक परिवेश में फैली कुरीतियों एवं बुराइयों को खत्न करना है.
उन्होंने कहा कि इस महासम्मेलन का मुख्य फोकस हिन्दू मैरिज एक्ट में समाज की स्वस्थ मर्यादाओं को ध्यान में रखते हुए कुछ बिंदुओं पर संशोधन करवाना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि एक्ट में प्रस्तावित लवमैरिज के संबंध में माता-पिता की सहमति रहे साथ ही लवमैरिज गांव व समगौत्र में नही होनी चाहिए, ऐसा एक प्रावधान जरूरी है।
खाप ने इसके अलावा कहा कि शादीशुदा होते हुए पुरुष व महिला के लिव इन रिलेशनशिप में रहने का नया प्रचलन चल रहा है, जो सभ्य समाज में उचित नहीं है। इस कानून को भी पूर्णतया समाप्त किया जाना चाहिए।
महासम्मेलन एवं खापों का तीसरा मुख्य मुद्दा समलैंगिकता पर कानूनी रोक लगवाने का रहा. समलैंगिकता पूरे समाज को शर्मसार करने वाली बात है इसलिए इस कलंकित एवं अमानवीय कृत्य पर तुरंत प्रभाव से पाबंदी होनी चाहिए. खापो ने कहा है कि वे ऐसे किसी लव मैरिज के न कभी खिलाफ थे न होंगे, जिसमें मां-बाप की सहमति है.