Kaithal: कैथल जिला परिषद का विवाद है कि थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. एक बार फिर जजपा-भाजपा आमने सामने हो गई है. कैथल में जननायक जनता पार्टी के चेयरमैन है दीप मलिक. वाईस चैयरमैन है कर्मबीर जो भाजपा पार्टी के है.
इस बार कर्मबीर कौल व अन्य पार्षदों के साथ मिलकर मौजूदा चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए है. इस बार जिला परिषद के 15 सदस्यों ने डी.सी प्रशांत पंवार से मुलाकात कर उन्हें शपथ पत्र सौंपा है और चेयरमैन दीप मलिक पर काफी आरोप भी लगाए है.
बता दें इस समय जिला परिषद में कुल 21 सदस्य हैं वहीं चेयरमैन दीप मलिक को अपना बहुमत साबित करने के लिए कुल 8 पार्षद चाहिए. बीजेपी पक्ष को अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 पार्षदों की जरूरत है. अब इसको लेकर बीजेपी पक्ष की ओर से दावा किया गया है कि उनके पास इस समय 15 पार्षद है. ADC ने अब इस विवाद को सुलझाने के लिए 19 जुलाई को शाम तीन बजे जिला परिषद कार्यालय में अविश्वास प्रस्ताव को लेकर वोटिंग करवाने को कहा है.
नया नहीं है विवाद- जानकारी के लिए बता दें जजपा-भाजपा के बीच चेयरमैन पद का ये विवाद ना नहीं है. जब चेयरमैन का चुनाव होना था तब जजपा नेता दीप मलिक को चेयरमैन बनाया गया था, उस समय उसके खेमे में कुल 11 पार्षद थे. और बीजेपी के पास 10 पार्षद ही रह गए थे. जिस कारण बीजेपी अपना चैयरमैन नही बना पाई.
लेकिन अब लगता है स्थिति पलट गई है. अब 15 पार्षदों ने भाजपा खेमे में चले गए है. पार्षदों का आरोप है रिश्वत मामले में दो पार्षदों को चेयरमैन ने फसाने की कोशिस की है. वहीं डी.सी को पार्षदों ने बताया कि चेयरपर्सन का उनके साथ व्यवहार ठीक नहीं है। वह पार्षदों से बैठकों में ठीक तरह से बात नही करता, वहीं विकास को लेकर आई ग्रांटों में भी पार्षदों से भेदभाव किया जा रहा है, इस कारण पार्षदों की अनदेखी की जा रही है. लाजमी है की कैथल को अब नया चेयरमैन मिल सकता है.