Haryana: बीते कल हरियाणा में वो हुआ जिसकी उम्मीद शायद किसी को हो. जहां कांग्रेस अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थी नही, भाजपा अपना किला बचाने की कोशिश में थी. लेकिन नतीजे जो आए वो बिल्कुल उलट थे. शायद कल्पना से परें. इसी को लेकर भाजपा की जीत और कांग्रेस की हार के के चार कारण रहे.
1. खट्टर को समय रहते हटाना
बीजेपी ने अपने सर्वे से समझ लिया था कि खटटर एक बड़ा फैक्टर हार का. उनको लेकर कई मायनों में जनता में नाराजगी है. जिसके बाद आलाकमान ने समय रहते हटाया गया जिसके बाद सैनी को सीएम बनाया गया. जिसके बाद नाराजगी खासी दूर हुई और भाजपा ने बहुमत हासिल किया.
2. कांग्रेस को हर मुद्दे पर जवाब दिया
हरियाणा में अग्निवीर एक मुद्दा रहा है जिसे कांग्रेस ने भुनाने की सोची थी लेकिन बीजेपी ने इस मुद्दे की गंभीरता को समझा और अपने घोषणापत्र में वादा कर डाला कि हर अग्निवीर को सरकार नौकरी दी जाएगी। बीजेपी के सीनियर नेताओं ने हर रैली में इसे दोहराया कि हर अग्निवीर को पेंशनवाली जॉब दी जाएगी जिसके बाद से कांग्रेस का ये सबसे बड़ा मुद्दा शांत हो गया
3. कांग्रेस नेताओ व सहयोगियों के बड़बोलेपन पर भाजपा का काउंटर
36 बिरादरी जाति आदि को लेकर लड़े जाने वाले चुनाव को लेकर होने वाले चुनाव पर कांग्रेस इस पर उलझी रही कि जाट बनाम नॉन जाट मुद्दा होगा, वहीं बीजेपी ने बिरादरी के हिसाब से अपने समीकरणों को फिट कर दिया. नतीजा जाटलैंड में भी बीजेपी जीती,
वहीं दलित समाज पर हुई टिप्पणियों पर भाजपा ने कांग्रेस का जबरदस्त काउंटर किया औऱ दलित समाज को एक सूत्र में बांधने में कामयाब हुई.
4. खर्ची पर्ची पर कांग्रेस के नेताओं ने ही बंटाधार किया
हरियाणा में भाजपा सबसे ज्यादा मुद्दा पर्ची-खर्ची का रहा है. भाजपा जहां मेरिट बेस पर नौकरियों की बात कर रही है वहीं कांग्रेस के टिकटार्थी लगातार नौकरियों को लेकर बयान दे रही थी. जिसके बाद राज्य के 18 से 39 साल के 94 लाख से ज्यादा वोटर में उसका असर दिखा और सारा माहौल भाजपा के पक्ष में चला गया.