Bhupinder Singh Hooda: हरियाणा में हुई ED की कार्रवाई में करीब 850 करोड़ की संपति अटैच हुई थी. जिसके बाद इस केस में हुड्डा का नाम उछला था. अब इस केस पर पूर्व CM हुड्डा ने दिल्ली में सफाई देते हुए कहा है कि ये तो पुराना केस है, मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं है। और जिस FIR में मेरा नाम है वो FIR पुरानी है।
ED ने हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी के एक मामले में 834 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी.
जिसका आरोप हुड्डा समेत नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता पर लगा था. आरोप था के इन दोनों ने मिलकर सस्ते दामों पर जमीन ली। इसकी वजह से न केवल लोगों को, बल्कि सरकार को भी राजस्व का नुकसान हुआ था।
6 साल पहले गुड़गांव में 1,417 एकड़ भूमि के अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के आरोप में CBI ने पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ Case दर्ज किया था। Case दर्ज करने के बाद CBI ने हुड्डा के रोहतक स्थित घर के अलावा दिल्ली, गुड़गांव चंडीगढ़ और मोहाली में विभिन्न बिल्डर्स के 20 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे थे।
गुड़गांव के सेक्टर 58 से 63 और 65 से 67 में भूमि अधिग्रहण में हुई अनियमितता की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर, 2017 को CBI को सौंपी थी। केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
वैसे ED ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर इस साल जनवरी महीने में मानेसर लैंड डील केस में चंडीगढ़ में 7 घंटे पूछताछ की थी। ED ने 2004-07 के दौरान हुए गुरुग्राम के 1500 करोड़ रुपए के भूमि घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में हुड्डा को नोटिस भेजकर ED मुख्यालय बुलाया था.