Bhupinder Hooda: पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि वोट लेकर एससी-ओबीसी को धोखा देना बीजेपी की फितरत हो चली है। इसलिए जब से बीजेपी प्रदेश की सत्ता में आई है, उसने लगातार दलित और पिछड़ों के आरक्षण, अधिकारों व कल्याणकारी योजनाओं पर अंकुश लगाया है।
बीजेपी ने ही पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को खत्म करने के लिए क्रिमी लेयर को 8 लाख से घटकर 6 लाख रुपये किया था. साथ ही इसमें कृषि और वेतन की आय को भी जोड़ दिया गया था. इसके चलते पिछड़ा वर्ग के लाखों लोग आरक्षण से वंचित हो गए.
हुड्डा ने कहा कि बीजेपी के फैसले की वजह से हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी और सरकारी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन नहीं मिल पाया। कांग्रेस ने सड़क से लेकर विधानसभा तक इस मुद्दे को उठाया था, लकिन सरकार ने हमारी एक ना सुनी.
लेकिन अब चुनाव में ओबीसी को बरगलाने के लिए बीजेपी फिर से क्रिमी लेयर की लिमिट बढ़ाकर 8 लाख करने का दावा कर रही है। जबकि इस सरकार को पिछड़ा वर्ग से वोट नहीं माफी मांगनी चाहिए।
साथ ही बताना चाहिए कि किस मंशा के साथ ओबीसी आरक्षण खत्म करने का फैसला लिया गया था? 7 साल में जो हजारों परिवार नौकरियों, आरक्षण व कल्याणकारी योजनाओं से वंचित हुए, उनके खामियाजे की भरपाई कौन करेगा? क्यों कौशल निगम के जरिए सरकारी नौकरियों और आरक्षण को किया जा रहा है? क्यों प्रदेश में 2 लाख पद और ओबीसी के हजारों पदों का बैकलॉग बचा हुआ है?