Haryana: शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है. विभाग प्रदेश में 1243 एजुकेशन वालंटियर्स की भर्ती करने जा रहा है. साथ ही प्रदेश के कुल 31,068 ड्रॉप आउट बच्चों को शिक्षा की धारा से जोड़ा जाएगा.
विभाग ने इसके लिए प्रारंभिक चरण में 1243 एजुकेशन वालंटियर्स की भर्ती करने का फैसला लिया है. ये एजुकेशन वालंटियर्स 6 माह के लिए ड्रॉप आउट बच्चों को पढ़ाएंगे। साथ ही जरूरत महसूस हुई तो इनकी अतिरिक्त 3 माह की कार्य अवधि को बढ़ाया जा सकता है.
बता दें कि इसके लिए शिक्षा निदेशालय ने भर्ती विज्ञापन भी जारी कर दिया है। ये जिन ड्रॉप आउट बच्चों को पढ़ाएंगे उनकी उम्र 7 से 14 साल के बीच तक होगी.
विभाग द्वारा वालंटियर्स को पढ़ाने के लिए प्रदेश स्तर पर 1243 स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर भी बनाएं जाएंगे, जिसमें ये एजुकेशनल वालंटियर्स तैनात किए जाएंगे। स्पेशल ट्रेनिंग सेंटर से लेकर बच्चों की स्टेशनरी सहित अन्य सुविधाओं के लिए शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश स्तर पर 8.87 करोड़ रुपये का बजट भी जारी कर दिया है।
बता दें कि ड्रॉप आउट बच्चों में पहले पायदान पर नूंह है, जहां 4446 बच्चों ने अधर में ही पढ़ाई छोड़ दी। वहीं, 22वें पायदान पर सबसे कम चरखी-दादरी जिले में 77 बच्चों ने ही ड्रॉपआउट किया है। हिसार जिला 9वें पायदान पर है, जहां 1503 बच्चों ने बीच में पढ़ाई छोड़ी है।
ड्रॉप आउट होने का कारण
ज्यादातर प्रवासी मजदूरों के बच्चे सर्वाधिक पढ़ाई से ड्रॉपआउट करते हैं। क्योंकि ये प्रवासी मजदूर दो से तीन माह के अंतराल में जिले से लेकर राज्य स्तर पर मजदूरी के लिए घूमते रहते हैं, जिस कारण स्थायी अड्डा न होने से इनके बच्चे स्कूलों में दाखिला नहीं करवा पाते हैं।
अगर दाखिला हो भी जाएं तो पढ़ाई जारी नहीं रख पाते हैं। अभिभावकों का अशिक्षित होना व उनमें जागरूकता का अभाव होना भी एक कारण है। खास तौर पर प्रवासी मजदूरों में ज्ञान का अभाव व जागरूकता का अभाव होता है, जिस कारण वे बच्चों का दाखिला स्कूलों में नहीं करवा पाते हैं।
प्रवासी मजदूरों के पास रिहायशी, माइग्रेशन से लेकर आधार कार्ड व जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की कमी होती है, जिस कारण इन बच्चों का दाखिला स्कूलों में नहीं हो पाता है। गांवों में मिडिल, हाई, सीनियर सेकेंडरी स्कूल का न होना या दूर होने से विद्यार्थी बीच में ही पढ़ाई छोड़ देते हैं.
जिला – ड्रॉपआउट बच्चे – ट्रेनिंग सेंटर – वालंटियर्स भर्ती होंगे।
अंबाला – 1814- 73 – 72.
भिवानी – 174 – 7 – 6.
चरखी-दादरी – 77 – 3 – 3.
फरीदाबाद – 1677 – 67 – 67.
फतेहाबाद – 1266 – 50 – 50.
गुरुग्राम – 3820 – 153 – 152.
हिसार – 1503 – 60 – 60.
झज्जर – 638 – 26 – 25.
जींद – 890 – 35 – 35.
कैथल – 482 – 19 – 19.
करनाल – 943 – 37 – 37.
कुरुक्षेत्र – 442 – 18 – 18.
महेंद्रगढ़ – 384 – 15 – 15.
नूंह – 4446 – 178 – 178.
पलवल – 652 – 26 – 26.
पंचकूला – 2269 – 91 – 90.
पानीपत – 2922 – 117 – 117.
रेवाड़ी – 408 – 17 – 17.
रोहतक – 591 – 24 – 24.
सिरसा – 539 – 22 – 22.
सोनीपत – 1852 – 74 – 74.
यमुनानगर – 3279 – 131 – 131.
कुल – 31068 – 1243 – 1243.