Election: राज्यसभा चुनाव में हरियाणा भाजपा का रास्ता पूरी तरह से साफ हो गया है. तय हो गया है कि अब यहां से भाजपा ही जीत हासिल करेगी. हालांकि अभी तक कोई कैंडिडेट घोषित नहीं हुआ है. लेकिन जीत यह है. दीपेंद्र हुड्डा के लोकसभा सांसद बनने के बाद से राज्यसभा के इस्तीफे के बाद सीटट खाली हो गई थी
पहला कारण ये की जजपा के 5 विधायक टूट गए है. जिसके बाद भाजपा का पाला अब और ज्यादा मजबूत हो गया है. हालांकि दलबदल कानून के तहत वे रहेंगे जजपा टिकटार्थी विधायक लेकिन क्रास वोटिंग का अब खुलकर इस्तेमाल हो सकता है.
इससे पहले जजपा के दो विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा व जोगीराम सिहाग पहले से ही भाजपा के साथ चल रहे हैं। वहीं रामकुमार गौतम तो सरेआम दुष्यंत से नाराज है. साथ ही लगातार विधायकों के इस्तीफे ने भाजपा मजबूत की है.
वहीं कांग्रेस भी इस मामले में पीछे नहीं है. वहां से भी किरण चौधरी पार्टी छोड़ चुकी है. साथ ही क्रास वोटिंग का डर कांग्रेस के नेताओं को भी है. लिहाजा भाजपा की राह आसान हो गई है
भाजपा के सामने सबसे बड़ी दिक्कत कैंडिडेट को लेकर है. आम चुनाव सिर पर है ऐसे में कैंडिडेट को बड़ी सूझबूझ के साथ भाजपा उतारना चाहेगी.
बता दें राज्यसभा चुनाव के लिए 21 अगस्त तक नामांकन-पत्र जमा हो सकेंगे। नामांकन-पत्रों की जांच 22 अगस्त को होगी और 27 अगस्त को नामांकन वापसी की आखिरी तारीख होगी।
ECI की तरफ से तैयारी पूरी है. IAS साकेत कुमार को इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है. जबकि 21 अगस्त तक नामांकन की तारीख रखी गई है. 27 तक उम्मीदवार अपना नाम वापिस ले सकते है. वहीं 3 सितंबर को हरियाणा में राज्यसभा का चुनाव होना तय किया है. उसी दिन शाम को इसका रिज्लट जारी कर दिया जाएगा. हालांकि दलों का कहना है कि अभी समय है लेकिन किसी नाम पर कोई सहमति नहीं है.