Fan Moment: विनेश के भारत आते सबने उसका सम्मान किया है. विनेश को हर किसी ने अपने तरीके से बधाई दी लेकिन रोहतक के रहने वाले फिजियोथैरेपिस्ट डॉ. परमजीत मलिक का तरीका सबसे अलग ही था.
डॉ. परमजीत मलिक पेशे से फिजियो है. डॉ परमजीत ने विनेश को देने के लिए झज्जर से अपने कंधों पर कांवड़ के रूप में दो टीन यानी 30 किलोग्राम देशी घी लेकर पैदल ही गांव बलाली के लिए निकल पड़े.
असल में फिजियो मलिक ने बताया था कि पहलवान की डाइट में घी का बड़ा अहम स्थान है, ऐसे में उन्होंने भी सोचा कि वे विनेश को देशी घी से सम्मानित करेंगे. इसीलिए वे सुबह झज्जर से अपने कंधों पर देशी घी लेकर पैदल ही विनेश के गांव के लिए चल पड़े।
रास्ते में डॉ. परमजीत मलिक से पूछा गया थो उन्होंने बताया कि वे उन्होंने सुबह साढ़े छह बजे झज्जर से गांव बलाली के लिए पैदल यात्रा शुरू की थी. वे इपने कंधों पर करीब 30 किलो देशी घी लेकर एक ही दिन में 50 किलोमीटर का सफर तय किया है.