Rajya Sabha : हरियाणा में आज से राज्यसभा के लिए नामांकन का समय शुरु हो गया है. लेकिन अभी तक हरियाणा के किसी भी दल से अपना प्रत्याशी नहीं उतारा है. नामांकन का समय अगले तीन दिन का है. लेकिन अभी तक किसी को भी उम्मीदवार के बारे में जानकारी नहीं है. वहीं इस बार सदन में आंकड़ा बराबर का लेकिन कांग्रेस कई मौको पर से कह चुकी है कि उनके पास बहुमत नहीं है. क्योंकि कांग्रेस को भीतरघात का बड़ा खतरा है.
हरियाणा में 90 विधान सभा सीट, 10 लोकसभा और 5 राज्यसभा की सीटें है. प्रदेश में मौजूदा समय में लोकसभा की सीटो पर 5 -5 सीटे भाजपा कांग्रेस के खाते में है. जबकि राज्यसभा की एक सीट दीपेंद्र करे लोकसभा सांसद बनने के बाद से खाली है.
चुनावी प्रकिया….
ECI की तरफ से तैयारी पूरी है. IAS साकेत कुमार को इसके लिए रिटर्निंग ऑफिसर नियुक्त किया गया है. जबकि 21 अगस्त तक नामांकन की तारीख रखी गई है. 27 तक उम्मीदवार अपना नाम वापिस ले सकते है. वहीं 3 सितंबर को हरियाणा में राज्यसभा का चुनाव होना तय किया है. उसी दिन शाम को इसका रिज्लट जारी कर दिया जाएगा. हालांकि दलों का कहना है कि अभी समय है लेकिन किसी नाम पर कोई सहमति नहीं है.
विधानसभा में मौजूदा स्थिति
इस समय भाजपा के पास 41 विधायक है. एक विधायक गोपाल कांडा है जो सरकार के साथ वही एक विधायक आजाद है जो सरकार के पक्ष में है. यानी भाजपा के पास 43 विधायकों का समर्थन है. जबकि विपक्ष के पास 28 विधायक है इसमें किरण चौधरी शामिल नहीं है क्योंकि वे भाजपा में जा चुकी है. वहीं 10 जजपा, एक इनेलो और 4 आजाद विधायक मिलाकर ये विपक्ष का खेमा है.
विपक्ष में भीतरघात होना लाजमी है. जजपा के रामनिवास सुरजाखेड़ा, और जोगीराम सिहाग वैसे भी भाजपा को खेमे में बात करते दिखाए पड़ते है. वहीं किरण भी भाजपा में है तो ऐसे में भाजपा इस सीट से अपना दांवा ठोक सकती है.
भाजपा के साथ समस्या
वहीं भाजपा के पास बहुमत तो है लेकिन उम्मीदवार को लेकर भी काफी गुट एक्टिव है. भाजपा हमेशा से जातिगत समीकरण को साधने वाली पार्टी मानी जाती है. दो समाज को वो साध चुकी है. सीएम OBC से लेकर प्रदेशाध्यक्ष ब्राह्मण समाज से है.