Ekadashi: 31 जुलाई यानी आज कामिका एकादशी है। आज भगवान विष्णु का दिन है। आज भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा होगी साथ ही लक्ष्मी नारायण जी के निमित्त व्रत रखा जा रहा है। इस व्रत के पुण्य-प्रताप से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है।
सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक है। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी। द्वादशी तिथि 01 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 28 मिनट पर समाप्त होगी। साधक 1 अगस्त को सुबह 05 बजकर 43 मिनट से लेकर 08 बजकर 24 मिनट के मध्य साधक पारण कर सकते हैं।
कामिका एकादशी पर दुर्लभ ध्रुव योग का संयोग बन रहा है। इस योग में जगत के पालनहार भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। ध्रुव योग दोपहर 02 बजकर 14 मिनट तक है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग दिन भर है।
कामिका एकादशी पर शिववास योग भी बन रहा है जिसमें लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से मनचाहा फल मिलेगा। बताया जाता है कि आज भगवान शिव दोपहर 03 बजकर 55 मिनट तक कैलाश पर रहेंगे। इसके बाद भगवान शिव नंदी पर सवार होंगे।
भक्त एकादशी के दिन उपवास रखते है जो के नियमों का कड़ा पालन करते है. भक्त अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास समापन करते हैं. एकादशी व्रत के दौरान सभी प्रकार के अनाज का सेवन वर्जित होता है।
जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, या नही रख सकते, वे एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए तथा झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए। जो व्यक्ति एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करता है, उस पर भगवान विष्णु की विशेष कृपा होती है।
कहते है आज का दिन भगवान विष्णु का पसंदीदा दिन।
इस दिन उत्सव विधि व्रत, पूजा, एकादशी व्रत कथा, भजन-कीर्तन, सत्यनारायण कथा। होनी चाहिए