Bhupinder Singh Hooda: भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर निशाना साधा है. हुड्डा ने कहा हरियाणा में आज निकम्मी, नकारा, नाकाम और यू-टर्न सरकार चल रही है। लोकसभा में करारी हार के बाद से ये सरकार कोई काम करने की बजाए सिर्फ अपने ही फैसलों से यू-टर्न मारने में लगी है। ऐसे में बीजेपी को जवाब देना चाहिए कि उसके मौजूदा फैसले सही थे या अभी लिए जा रहे फैसले सही हैं? सरकार के ऊल-जलूल फैसलों के चलते 10 बरस में जनता का जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा?
हुड्डा ने सवाल उठाए कि बीजेपी द्वारा 2014 में किसानों को दी गई एमएसपी की गारंटी को पूरा क्यों नहीं किया? स्वामीनाथन रिपोर्ट के मुताबिक रेट क्यों नहीं दिए? किसानों की आय दोगुनी क्यों नहीं हुई? कर्मचारियों को पंजाब के समान वेतनमान क्यों नहीं दिया? हर जिले में मेडिकल कॉलेज बनाने का वादा क्यों नहीं पूरा हुआ? बेरोजगारी में हरियाणा नंबर वन कैसे बना? हरियाणा देश का सबसे असुरक्षित राज्य क्यों बना? 5000 स्कूलों को क्यों बंद किया गया? शिक्षा विभाग में 50 हजार पद क्यों खाली हैं? स्वास्थ्य सेवाओं में करीब 20 हजार पद क्यों खाली हैं? सभी गरीबों को पक्के मकान देने के वादे का क्या हुआ? कांग्रेस की 100-100 गज प्लॉट आवंटन की स्कीम क्यों बंद की गई?
हुड्डा ने जेजेपी के साथ सरकार बनाने के समय किए गए वादों पर भी सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि किसानों को एमएसपी गारंटी और एमएसपी पर बोनस क्यों नहीं दिया गया? 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन क्यों नहीं हुई? पुरानी पेंशन स्कीम क्यों लागू नहीं की गई? हरियाणवियों को नौकरियों में 75% आरक्षण क्यों नहीं मिला?
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि गरीब, एससी और ओबीसी से 100-100 गज के प्लॉट का अधिकर छीनकर बीजेपी 30 गज के प्लॉट की फर्जी घोषणा कर रही है। प्लॉट का झांसा देकर गरीबों से 10000-10000 रुपये लिए जा रहे हैं। जबकि सरकार ने प्लॉट के लिए ना कोई जमीन चिन्हित की है, ना कोई डिमार्केशन हुआ है, ना कोई नक्शा सामने आया है, ना पानी कनेक्शन, सड़क, गलियों व सीवरेज का कहीं कोई जिक्र हुआ है। इसलिए जनता अब इन फर्जी घोषणाओं के झांसे में नहीं आएगी।
इसी तरह कौशल निगम कर्मियों के वेतन में मामूली बढ़ोतरी करके बीजेपी उनके घावों पर नमक छिड़क रही है। क्योंकि कौशल कर्मियों को बमुश्किल 15 हजार रुपये महीना वेतन मिलता है। उसकी आमदनी एक दिहाड़ी मजदूर से भी भी कम होती है। उसमें मामूली बढ़ोत्तरी कर्मियों के साथ भद्दा मजाक है।