1. नौकरी ढूंढने वालों के लिए कहा है खास…..
सरकार ने इस बजट में बताया है कि जो पहली बार रोजगार पाने वाले है उनको 3 किस्तों में 15 हजार रुपये देंगे. साथ ही पहली नौकरी पर एक महीने का अतिरिक्त वेतन भी दिया जाएगा. साथ ही 1 लाख रु. / महीने तक की सैलरी पर लाभ देंगे. ये स्कीम 2 साल के लिए ही है.
दूसरा- नौकरी के शुरुआती 4 साल में कर्मचारी और कंपनी दोनों को ईपीएफओ के अंशदान में प्रोत्साहन देंगे। 30 लाख को लाभ . कंपनियों को हर अतिरिक्त नियुक्ति पर ईपीएफओ में अंशदान के लिए 2 साल तक प्रति माह 3 हजार रु. देंगे. जो एक लाख रु./ माह तक सैलरी पर ही लागू. जिससे 50 लाख लोगों को फायदा होगा।
2. युवाओं के कैरियर के लिए क्या?
5 साल में 20 लाख युवाओं को स्किल्ड किया जाएगा। टॉप-500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के लिए योजना शुरू करेंगे। इसमें 5000 रुपए प्रति माह इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपए की एकमुश्त सहायता दी जाएगी। इसमें 21 से 24 साल के युवा ही आवेदन कर सकेंगे। इन लोगों के काम का आधा समय रोजगार परिवेश में गुजरे, न कि कक्षा में। ये पात्र नहीं हैं: आईआईएम, आईआईटी, आईआईएसईआर, सीएमए आदि की डिग्री वाले परिवार को कोई सदस्य सरकारी कम हो। घर का कोई सदस्य आयकरदाता हो।
इस योजना का पहला चरण 2 साल के लिए होगा। इसके बाद दूसरा चरण तीन साल की अवधि के लिए होगा।
3. छात्रों के लिए कितनी राहत
घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन बिना सिक्योरिटी का होगा। ई बाउचर्स के जरिए हर साल एक लाख छात्रों को इस लोन के ब्याज पर 3% छूट।
जिन्हें सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में एडमिशन के लिए लोन मिलेगा। हर साल 25 हजार छात्रों की सहायता के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना। छात्रों को 7.5 लाख का स्किल मॉडल लोन देंगे। इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्र को लिस्टेड संस्थानों में से किसी एक द्वारा संचालित पाठ्यक्रम में प्रवेश प्राप्त करना होगा। इसमें आईटीआई, पॉलिटेक्निक, राज्य या केंद्रीय शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त स्कूल होना जरूरी है।
4. शेयर बेचने हैं वालों के लिए खास…
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (अगर कोई स्टॉक एक साल या उससे ज्यादा समय के बाद बेचा जाए) पर टैक्स 10% से बढ़ाकर 12.5% किया। शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन 15% से बढ़ाकर 20% कर दिया गया। इससे पहले 2008 में कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव हुआ था। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की गणना के लिए लिस्टेड शेयरों के लिए 12 माह व अन्य संपत्तियों (सोना, चांदी, डिबेंचर,बॉन्ड एवं अनलिस्टेड शेयर आदि) के लिए 24 महीने का होल्डिंग पीरियड कर दिया। 36 माह का पीरियड खत्म। फ्यूचर ट्रेडिंग में सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (एसटीटी) 0.0125% से 0.02% किया। ऑप्शन ट्रेडिंग में एसटीटी
मंसर
5. घर खरीदने की सोच रहे है, जानिए क्या है खास
पीएम आवास योजना का यह दूसरा चरण है। इसमें 5 साल में एक करोड़ परिवारों को होम लोन के ब्याज पर सब्सिडी मिलेगी। यह कितनी होगी, इस पर बाद में फैसला होगा। पांच साल में इसके लिए 10 लाख करोड़ रु. की राशि का प्रावधान किया गया है। बता दें कि पहले चरण में परिवारों को होम लोन के ब्याज पर करीब 2.50 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिली थी।
30 लाख से अधिक आबादी वाले 14 शहर री-डेवलप होंगे। इंडस्ट्री वर्कर्स के लिए रेंटल हाउसिंग स्कीम; इसमें डॉरमेट्री टाइप एक करोड़ आवास बनाए जाएंगे। इस पर 10 लाख करोड़ रु. निवेश किए जाएंगे। इसके अलावा, पीएम आवास योजना में तीन करोड़ अतिरिक्त घर बनाने की बात कही गई है।
6. घर बेचने वालों के लिए क्या है खास
पहले इंडेक्सेशन (जिस कीमत पर घर खरीदा है, उसे महंगाई के हिसाब से जोड़कर टैक्स निकालते हैं) के साथ 20% टैक्स लगता था, अब इसे 12.5% कर दिया गया। असर ये होगा कि महंगाई के मुकाबले यदि घर ज्यादा महंगा हुआ तो नई व्यवस्था में लाभ है। अगर कम महंगा हुआ है तो आपको नुकसान होगा। यदि 30 लाख का घर 23 साल बाद 3 करोड़ में बेचा तो अभी 38.22 लाख रु. टैक्स लगता है, अब 33.75 लाख रु. लगेंगे। घर किराये की आय ‘बिजनेस इनकम’ में नहीं जाएगी; मकान मालिक अब घर के किराये से होने वाली आमदनी को ‘बिजनेस इनकम’ में दिखाकर लाभ नहीं उठा पाएंगे। यह राशि हाउस प्रॉपर्टी से होने वाली आय के मद में ही दिखानी पड़ेगी।
7. अगर पेंशन चाहिए है तो उसके लिए भी है प्रावधान क्या?
न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में राज्य और केंद्र सरकार की तरह अब निजी कंपनियां भी कर्मचारी के मूल वेतन की 14 फीसदी तक राशि निवेश कर सकेंगी। पहले यह सीमा 10 फीसदी तक थी। इसी तरह, सरकारी बैंकों व उपक्रमों में नई टैक्स प्रणाली चुनने वाले कर्मचारियों के मूल वेतन की 14 फीसदी तक राशि एनपीएस में दी जा सकेगी। इससे कर्मचारियों के रिटायरमेंट खाते में ज्यादा पैसे जुटाए जा सकेंगे। एनपीएस वात्सल्य योजना शुरू; माता-पिता व अभिभावकों द्वारा नाबालिग बच्चों के लिए अंशदान के मद्देनजर यह योजना शुरू की गई ।
8. कारोबारियों के लिए क्या?
एमएसएमई के लिए विशेष पैकेज इसमें क्रेडिट गारंटी स्कीम, जिसमें उद्योग को गिरवी रखे बिना लोन मिल जाएगा। लघु और कुटीर उद्योग के लिए लोन की राशि 50 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ की। जिन्होंने तरुण कैटेगरी में मुद्रा लोन लिया है और कर्ज समय पर चुकाया है, वो अब 10 लाख की जगह 20 लाख रुपए तक कर्ज ले सकेंगे। 50 मल्टी प्रोडक्ट फूड यूनिट्स के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।
एमएसएमई में अभी 11.10 करोड़ लोग जुड़े हैं। सरकार ने 2025 तक इनमें 5 करोड़ रोजगार जोड़ने का लक्ष्य रखा है। 31 अगस्त 2021 तक देश में करीब 6.3 करोड़ एमएसएमई थे। असंगठित क्षेत्र में लगभग 99.7% उद्यम हैं।
9. किसान को क्या राहत मिली?
कृषि पर 1.5 लाख करोड़ रु. खर्च होंगे। 6 करोड़ किसान और उनकी जमीन का ब्योरा रजिस्ट्री में दर्ज होगा। पांच राज्यों में जनसमर्थ एप आधारित किसान क्रेडिट कार्ड आएंगे। जलवायु के अनुकूल अधिक उपज वाली 109 नई फसल किस्में आएंगी। 400 जिलों में खरीफ के लिए डिजिटल फसल सर्वे होगा। सब्जी उत्पादन समूहों के क्लस्टर बनाएंगे। दो साल में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती में जोड़ेंगे।
जनसमर्थ एप से घर बैठे किसान 1.60 लाख रु. का कर्ज ले सकेंगे। पायलट प्रोजेक्ट सफल।
मार्च 2023 तक देश में 7.34 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड थे, जिन पर 8.85 लाख करोड़ की राशि बकाया थी।
10. नये कारोबार वालो को क्या मिला है,
गैर-लिस्टेड कंपनियों, खास तौर पर स्टार्टअप्स को अपनी फंडिंग पर 30.9% तक एंजेल टैक्स देना पड़ता है। यह बाजार मूल्य के हिसाब से होता है, इसलिए 12 साल से स्टार्टअप्स इसे खत्म करने की मांग कर रहे थे। फिलहाल केंद्र ने यह मांग मानते हुए एंजेल टैक्स खत्म करने का ऐलान कर दिया है। 2012 में यूपीए सरकार ने इसे स्टार्टअप्स के लिए लागू किया था, ताकि स्टार्टअप्स में मनी लॉन्ड्रिंग को रोका जा सके। अब देश में गैर-लिस्टेड कंपनियों, खास तौर से स्टार्टअप्स के लिए ज्यादा फंड जुटाना बहुत आसान हो जाएगा।