BSNL: JIO-AIRTEL के बढ़े हुए रेट के बाद लोगों ने बीएसएनएल की तरफ रुख करना शुरु कर दिया था. इसको लेकर BSNL-TATA ने अलाइंस हुआ है. अब BSNLने बड़ा कदम उठाते हुए हिमाचल में अपने ग्राहकों को बड़ी खुशखबरी दी है. कंपनी ने अपने ग्राहकों को 4जी सेवाएं देनी शुरू कर दी हैं। बीएसएनएल की यह सेवा पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है।
इस स्वदेशी तकनीक को आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने विकसित किया है। बीएसएनएल धर्मशाला के वरिष्ठ महाप्रबंधक विपिन कुमार मौर्य ने बताया कि 4जी की स्वदेशी तकनीक से नेटवर्क कवरेज की समस्याएं काफी हद तक हल हो जाएंगी। उन्होंने बताया कि टावर में बीटीएस है और एक कोर नेटवर्क है जो बीटीएस को नियंत्रित करता है।
पहले लगाए गए कोर नेटवर्क को स्वदेशी नेटवर्क में बदला जा रहा है। 15 दिन में 6 हजार उपभोक्ता बीएसएनएल से जुड़ चुके हैं पिछले सप्ताह मंडी में इस संबंध में टेस्टिंग की गई है। उन्होंने बताया कि सभी टावरों को स्वदेशी कोर नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने बताया कि 4जी को दो परियोजनाओं के तहत उपलब्ध कराया जा रहा है। पहला, उन क्षेत्रों में जहां किसी भी ऑपरेटर का सिग्नल नहीं है, दूसरा वहां 4जी सेचुरेशन परियोजना के तहत नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा.
इस परियोजना के तहत चंबा में 112 और कांगड़ा में 33 साइटें हैं। दूसरे प्रोजेक्ट के तहत 246 साइटें हैं, जिनमें से कांगड़ा में करीब 153 और चंबा में 8 साइटों पर उपभोक्ता पहले से ही बेहतर नेटवर्क का लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि निजी मोबाइल कंपनियों द्वारा टैरिफ में बढ़ोतरी की गई है। इसका लाभ बीएसएनएल को मिल रहा है।
पिछले 15 दिनों में करीब 6 हजार मोबाइल उपभोक्ता बीएसएनएल से जुड़ चुके हैं। कोर नेटवर्क एक ऐसा समूह है, जिसमें दूरसंचार सेवा से संबंधित नेटवर्क हार्डवेयर, डिवाइस, सॉफ्टवेयर शामिल होते हैं। यह समूह दूरसंचार नेटवर्क में मूलभूत सेवाओं जैसे एग्रीगेशन, कॉल कंट्रोल, स्विचिंग, ऑथेंटिकेशन, चार्जिंग और गेटवे आदि में मदद करता है। फाइबर कटने से नेटवर्क डाउन हो जाता है महाप्रबंधक ने कहा कि कई क्षेत्रों में सड़क चौड़ीकरण का काम चल रहा है। इस दौरान खुदाई के कारण बार-बार फाइबर कट जाता है। इस कारण नेटवर्क डाउन हो जाता है.
नूरपुर, शाहपुर, रैत, गग्गल, डलहौजी और चंबा सहित कई स्थानों पर विभिन्न कार्यों के कारण खुदाई का काम चल रहा है, जिसके कारण बार-बार फाइबर कटने की घटनाएं होती हैं। नतीजतन नेटवर्क सेवाएं प्रभावित होती हैं।